दिल्ली भार्गव सभा का इतिहास
हम सब महर्षि भृगु की संतान कहलाने में गर्व अनुभव करते हैं। भगवान परशुराम हमारी जाति के ज्योति स्तंभ हैं। वीर विक्रमादित्य सम्राट हेमचन्द्र ढूसर (भार्गव) फ्हेमूय् हमारी जाति के लिए गौरव ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत की आन हैं। भक्त प्रवर संत चरणदास का जन्म भी हमारे ही समाज में हुआ। अतः ऐसे महान व्यक्तित्व वाले समाज में हमें भार्गव शब्द से गौरव की अनुभूति होती है।
देश व समाज में कुछ ऐसी भी विभूतियाँ होती हैं जिनके सतत् प्रयासों एवं सेवाओं से समाज लाभान्वित होता है। आज से लगभग 106 वर्ष पूर्व ऐसी ही महान विभूतियों ने भविष्य का ध्यान रखते हुए आपस में प्रेम व भाईचारा बढ़ानेके उद्देश्य से एक नन्हें से पौधे के रूप में फ्दिल्ली भार्गव व हितकारिणी सभाय् का गठन किया, जो आज वटवृक्ष की भाँति हमारे समाज की कल्याणकारी छतरी के रूप में स्थित है। उस समय दिल्ली बहुत सिकुड़ी थी और भार्गव परिवार दरियागंज व चाँदनी चौक के आस-पास ही बसे हुए थे। जैसा कि सभा के नाम से पता चलता है कि इसका मुख्य उद्देश्य भार्गव बन्धुओं की भलाई के लिए काम करना व उसके सुख दुःख में भागी होना रहा। दिल्ली भार्गव बन्धुओं ने कन्धे से कंधा मिलाकर काफी सहयोग दिया। वे समाज में घुसे हुए असामाजिक तत्वों को दूर रखने व सामाजिक समस्याओं को सुलझाने हेतु सदैव प्रयत्नशील रहे।
मेरे दिल्ली भार्गव परिवारों के आदरणीय / प्रिय सदस्यगणसादर वंदन एवं आपके स्वस्थ रहने की कामना विषय- दिल्ली भार्गव परिवारों के लिए कोविड टास्क टीम का गठन पिछला लगभग 1 माह दिल्ली भार्गव परिवारों के लिए बहुत कष्टप्रद रहा। मैं भी स्वयं कोरोना पॉजिटिव रहा और उस समय में मैने सारी परिस्थिति को समझा। |
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कोविड टास्क टीम |
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1. श्री संजीव भार्गव , मो- 9136229066 आप सभी सदस्यों से अनुरोध है कि हमारे इस छोटे से प्रयास में हमारा साथ दें एवं हमारा मार्गदर्शन करें। - संजीव भार्गव |
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